वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ ही अब युवाओं को रोजगार से भी जोड़ेगा। इसके लिए भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय से जुड़ी संस्था समर्थ के साथ समझौता हुआ है। ऐसे में विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र में कौशल विकास योजना के तहत जिले ही नहीं पूर्वांचल के बेरोजगार युवक व युवतियों को रोजगार से जोड़ने के लिए रोजगार परक पाठ्यक्रम सर्टिफिकेट कोर्स चलाया जाएगा। इसके बाद प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र देकर स्वरोजगार करने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही जरूरतमंदों को निजी कंपनियों में नौकरी भी दिलाई जाएगी। तीन माह का होगा प्रशिक्षण
पाठ्यक्रम के तहत तीन माह में एक बैच को प्रशिक्षित करने के साथ ही वर्ष भर में 240 युवाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें 60 छात्रों का तीन माह का बैच बनाया जाएगा। इसमें छात्रों को पढ़ाने के साथ सिलाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी समर्थ संस्था देखेगी। यह कोर्स पूरी तरह से निश्शुल्क होगा। प्रशिक्षण के बाद सभी को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा प्रशिक्षित युवा स्वयं सर्टिफिकेट पर पांच लाख तक लोन प्राप्त कर स्वरोजगार भी शुरू कर सकेंगे। जल्द आएगी 15 मशीनें छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए कुल 15 मशीनें आएंगी। एक मशीन की कीमत 26 हजार रुपये है, ऐसे में कुल 3.90 लाख रुपये खर्च आएगा। समर्थ संस्था के मुताबिक पहले 15 मशीनें खरीदी जाएंगी। उससे ट्रेनिग के बाद संस्था की तरफ से विश्वविद्यालय को पैसा लौटा दिया जाएगा। संस्था के मुताबिक कोर्स करने के बाद छात्रों को 20 हजार रुपये तक की नौकरी भी प्राप्त हो जाएगी। इसमें सभी को हास्टल व खाना की भी व्यवस्था उपलब्ध होगी।
स्वरोजगार के कदम पूर्वांचल विश्वविद्यालय का बेहतर कदम है। इस कड़ी में कपड़ा मंत्रालय भारत सरकार से जुड़ी संस्था समर्थ व विश्वविद्यालय के बीच समझौता हुआ है। इसके तहत एक साल का करार हुआ है। इसमें छात्रों को तीन माह का सिलाई की पढ़ाई व प्रशिक्षण दोनों दिया जाएगा। इसके बाद संस्था की तरफ से रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा।
- प्रो. निर्मला एस मौर्या, कुलपति, पूर्वाचल विश्वविद्यालय।