सड़क हादसे में सिर्फ इन बच्चों को मिलेगा लाभ

 सड़क दुर्घटना के एक मामले में मुआवजा दावे पर फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने कहा कि सड़क हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति पर निर्भर लोग ही मुआवजे के हकदार हैं। कानून के हिसाब से बालिग हो चुके बच्चे माता-पिता पर निर्भर नहीं होते।


इसके साथ ही न्यायालय ने मृतक की पत्नी, नाबालिग बच्चे और बुजुर्ग मां को 21 लाख 50 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। कड़कड़डूमा स्थित मोटर दुर्घटना दावा पंचाट (एमएसीटी) न्यायाधीश त्यागिता सिंह की अदालत ने सड़क दुर्घटना मामले में मृतक के दो बालिग बेटों को मुआवजा देने से इनकार कर दिया । साथ ही कहा कि निर्भरता सिर्फ पत्नी, नाबालिग बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता की हो सकती है।


बालिग बच्चे इस योग्य होते हैं कि वह अपने गुजर-बसर की व्यवस्था कर सकें। इस मामले में क्योंकि दो बेटे जिनकी आयु 26 व 23 वर्ष है, वह पिता पर निर्भर नहीं हो सकते। इसलिए उनका मुआवजा दावा खारिज किया जाता है। अदालत ने 21 हजार 50 हजार रुपये की रकम को तीन हिस्सों में बांटने का भी आदेश दिया है।


सबसे अधिक रकम पत्नी को अदालत ने पत्नी को दस लाख 75 हजार रुपये मुआवजे के तौर पर दिए हैं, जबकि नाबलिग बच्चे और बुजुर्ग मां को पांच-पांच लाख रुपये के करीब मुआवजा रकम देने के निर्देश दिए हैं।


अदालत ने बीमा कंपनी को कहा कि वह अदालत परिसर स्थित बैंक में यह रकम तीनों वादियों के नाम अलग-अलग जमा कराए।



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