इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी को सहायक अध्यापक का वेतन रोकने का अधिकार नहीं है। साथ ही बीएलओ ड्यूटी नहीं करने वाले सहायक अध्यापक का वेतन रोकने का बीएसए फिरोजाबाद का आदेश रद्द कर दिया है। कोर्ट ने सहायक अध्यापक को वेतन सहित सेवा में बहाल करने का आदेश भी दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने सहायक अध्यापक कैलाश बाबू की याचिका पर अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी को सुनकर दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार बीएसए ने याची की बूथ लेवल अधिकारी के कार्य के लिए ड्यूटी लगाई थी। ड्यूटी न करने पर सात अगस्त 2021 को बीएसए फिरोजाबाद में याची का वेतन रोकने का आदेश जारी कर दिया। अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का तर्क था कि बेसिक शिक्षा अधिकारी को सहायक अध्यापक का वेतन रोकने का अधिकार नहीं है। साथ ही जहां तक बीएलओ ड्यूटी का सवाल है, हाईकोर्ट के दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने सुनीता शर्मा व अन्य के केस में स्पष्ट किया है कि शिक्षकों से शिक्षणेत्तर कार्य नहीं लिए जा सकते हैं। कोर्ट ने इस तर्क के मद्देनजर बीएसए का सात अगस्त 2021 का आदेश रद्द कर दिया और याची को वेतन सहित बहाल करने का निर्देश दिया है।
मामला
● बीएलओ की डॺूटी न करने पर बीएसए ने रोका था वेतन●
● कोर्ट ने कहा, शिक्षकों से शिक्षणेत्तर कार्य नहीं लिए जा सकते हैं
फिरोजाबाद का मामला, हाईकोर्ट ने वेतन समेत सेवा में बहाली के लिए शिक्षा विभाग को आदेश दिया