कोरोना टीका कोवीशील्ड की पहली और दूसरी खुराक के बीच जिन्होंने 12 हफ्तों का अंतर रखा था, उनमें बेहतर इम्यून सिस्टम तैयार हुआ है। सीरो सर्वे के मुताबिक, इससे इन लोगों को तुरंत बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है।
विशेषज्ञों ने डोज के बीच के अंतर को कम करने की संभावना से इनकार किया है। सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट को विचार के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपा जाएगा। बता दें कि इस टीके के दोनों डोज के बीच के अंतर को दो बार बदला जा चुका है। 22 मार्च को 4-6 हफ्ते से बढ़ाकर 6-8 हफ्ते किया। फिर 13 मई को 12-16 हफ्ते कर दिया।
इस बीच, सरकार के राष्ट्रीय कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण अभियान के तहत जायडस कैडिला का कोरोना टीका ‘जायकोव-डी’ अभी केवल वयस्कों को ही लगाया जाएगा। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय इस स्वदेश विकसित सुई रहित टीके को राष्ट्रीय कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान में शामिल करने की मंजूरी दे चुका है। साथ ही मंत्रालय ने अभियान के लिए टीके को तैयार करने को भी कहा है। भारत का औषधि नियामक 12 वर्ष और इससे अधिक आयु के लोगों को यह टीका लगाने की मंजूरी दे चुका है। मंत्रालय इस टीके की एक करोड़ खुराक के लिए पहले ही ऑर्डर दे चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का कहना है कि सरकार बच्चों को टीका लगाने में जल्दबाजी नहीं करना चाहती।
डीसीजीआई की मंजूरी
बच्चों का टीकाकरण शुरू होने के संबंध में केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा था कि दुनिया में कहीं भी बच्चों को बड़े पैमाने पर कोरोना रोधी टीका नहीं लगाया जा रहा है, हालांकि कुछ देशों में बच्चों का सीमित टीकाकरण शुरू किया गया है। गौरतलब है कि जायकोव-डी ऐसा पहला कोरोना रोधी टीका है, जिसे डीसीजीआई ने 12 वर्ष के लोगों को लगाने की मंजूरी दी है।