कोरोना के नए रूपओमीक्रोन का खतरा सिर पर मंडराने लगा है मगर विशेषज्ञों का मानना है कि अल्फा और डेल्टा रूप से संक्रमित हो चुके लोगों को ओमीक्रोन का खतरा नहीं होना चाहिए। इनसे बचे लोग ही वायरस के नए रूप के प्रति ज्यादा संवेदनशील होंगे।
वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के निदेशक डॉ.जुगल किशोर ने कहा कि सावधानी जरूरी है, क्योंकि बीमारी पहले से देश में मौजूद है पर भयभीत होने की वजह नहीं है। उनके मुताबिक, नए खतरे की जद में देश की करीब 20 फीसदी वह आबादी होगी, जिसमें अब तक कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधकता नहीं आई है। देश में हुए विभिन्न सिरो सर्वे यह संकेत देते हैं कि करीब 80 फीसदी या इससे अधिक आबादी में कोरोना एंटीबाडीज मौजूद हैं।
विश्व के लिए संकट बना स्वरूप : डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को कहा कि अफ्रीकी देशों में पाया गया कोरोना का नया रूप ओमीक्रोन सर्वाधिक तेजी से फैल रहा है,यह विश्व के लिए बड़ा संकट बन रहा है।