कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा के बैनर तले राज्य कर्मचारियों ने लम्बित मांगों की पूर्ति के लिए शनिवार को मशाल जुलूस निकाला। डीए की फ्रीज तीन किस्तों के एरियर का भुगतान करने सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियां दूर करने, पुरानी पेंशन लागू करने, निजीकरण समाप्त करने सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर पूरे प्रदेश में प्रदर्शन कर डीएम के माध्यम से सीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया।
मोर्चा के महासचिव शशि कुमार मिश्र ने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी अब सौतेले रवैये से नाराज है। इसलिए आंदोलन आवश्यक है। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्रा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में हुई सभा में यह भी घोषणा की गई कि नौ दिसम्बर को प्रदेश के लाखों कर्मचारी कार्यबंदी करेंगे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि अनेक आन्दोलनों के माध्यम से शासन व सरकार का ध्यान आकृष्ट किया गया था, लेकिन कोई वार्ता तक नहीं हो सकी । फार्मेसिस्ट, आप्टोमेट्रिस्ट, लैब टेक्निशियन सहित अन्य संवर्गों की वेतन विसंगति केन्द्र सरकार द्वारा दूर की जा चुकी है परन्तु समझौतों के बावजूद प्रदेश में अभी वेतन विसंगति लम्बित है। अन्य संवर्गों की वेतन विसंगति एवं वेतन समिति की संस्तुतियों एवं शेष भत्तों पर अक्टूबर 2018 में ही मंत्रिपरिषद से निर्णय कराने का निर्णय लिया गया था जो एक वर्ष बाद भी अभी तक लम्बित है। संविदा, ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाने की मांग ठंडे बस्ते में है । उप्र स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रान्तीय प्रवक्ता सैयद कैसर रजा ने बताया गया कि प्रदेष की स्थानीय निकायों की मांगों पर वर्षों से कार्यवाही लम्बित हैं। मशाल जुलूस में बड़ी संख्या में राज्य कर्मचारी मौजूद रहे।
उप्र स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रान्तीय प्रवक्ता सैयद कैसर रज़ा ने बताया कि 30 नवम्बर को लखनऊ एक अन्य संगठन की ओर से होने वाली विशाल रैली को हमारा नैतिक समर्थन है।् क्योंकि कर्मचारियों के हित करने वाले सभी कार्यों में हमारा संगठन सहयोग करता है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को उनका हक मिलना ही चाहिए। कर्मचारी हितों में उनका संघर्ष जारी रहेगा।
● लम्बित मांगें नहीं मानीं तो प्रदेश भर में नौ दिसम्बर को कार्यबंदी
● नगर निगम नावेल्टी, नवल किशोर रौड, हलवासिया, डीएम आवास होते हुए बीएन सिंह मूर्ति तक निकाला जुलूस