आने वाले दिनों में हर स्कूल की जीपीएस लोकेशन शासन के पास होगी। बीते दिनों स्कूलों के शिक्षकों से ली गई लोकेशन में काफी अनिमयितताएं मिलने के बाद अब शासन से विशेष तौर पर टीम भेजी गई हैं, जिनके पास जीपीएस सैट करने का उपकरण भी है। इससे टीम स्कूल-स्कूल में पहुंच कर जीपीएस मैपिंग करने में जुट गई है।
बताया जाता है पहले शिक्षकों ने जीपीएस मैपिंग की थी तो उसमें काफी अनियमितताएं मिली। कुछ स्कूल तो जिले की सीमा से बाहर दिख रहे थे। इन अनियमितताओं के चलते ही विभाग ने अब प्रदेश स्तर से टीमों को भेजा है। फिरोजाबाद से पहले एटा में सभी स्कूलों की जीपीएस मैपिंग हो चुकी है।
- शासन स्तर से स्कूलों की जिओ मैपिंग कराई जा रही है। इसके लिए टीमें भेजी गई हैं। एटा में कार्य पूर्ण करने के बाद में हम फिरोजाबाद आए हैं। हर स्कूल के देशांतर एवं अक्षांतर के आधार पर जियो टेग कर रहे हैं। इससे चुनाव में भी स्कूलों को खोजने में आसानी होगी। फर्जीवाड़े पर अंकुश लगेगा।
- रमाकांत, जूनियर वैज्ञानिक
शासन से जिले में चार टीमें भेजी हैं। सुदूर संवेदन उपयोग केंद्र (रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर) से टीमों को भेजा गया है। हर टीम अपने साथ एक लाख रुपये कीमत की ग्लोबल पोजेसनिंग सिस्टम (जीपीएस) मशीन भी लाई है। जूनियर वैज्ञानिक रमाकांत के निर्देशन में आई टीम बुधवार को जिले में आई एवं काम भी शुरू कर दिया है। शाम को टीम द्वारा मदनपुर ब्लॉक के कुछ स्कूलों में जाकर जीपीएस मैपिंग भी की गई। अन्य तीन टीमों के भी एक-दो दिन में जिले में पहुंच जाने की संभावना है।
शिक्षकों की भी हो सकेगी निगरानी : माना जा रहा है स्कूलों की सही जीपीएस मैपिंग के बाद में शिक्षकों की भी निगरानी हो सकेगी। स्कूलों में टेबलेट आने वाले हैं, इन्हें जीपीएस से जोड़ा जाएगा। ऐसे में जब विभाग के पास में स्कूल की जीपीएस लोकेशन होगी तो पता चल जाएगा कि शिक्षकों ने टेबलेट का प्रयोग कब व कहां पर किया। वहीं मोबाइल एप के माध्यम से भी यहां पर शिक्षकों की निगरानी हो सकेगी।