यूपी-टीईटी का पेपर परीक्षा शुरू होने से 12 से 15 घंटा पहले ही आउट हो गया था। सभी डेढ़ सौ प्रश्नों के हल शनिवार रात से रविवार सुबह तक व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजे गए। आश्चर्य की बात है के सभी डेढ़ सौ प्रश्न पेपर के हूबहू थे और उनके सटीक जवाब भी हल कर लिए गए थे। इसमें कम से कम डेढ़ से दो घंटे का समय लगा होगा। सुबह इसकी भनक एसटीएफ को लगी तो पूरे तंत्र के कान खड़े हो गए और आनन-फानन में गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया।
मुख्यमंत्री तक बात पहुंची तो उन्होंने तत्काल परीक्षा निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए। विधानसभा चुनाव से पहले इतनी बड़ी घटना से सरकार की भी किरकिरी हुई है। हालांकि मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि जो भी इस मामले में दोषी मिलेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे प्रकरण में पेपर कैसे आउट हुआ या बहुत बड़ा मुद्दा बन गया है। परीक्षा से दो घंटा पहले पेपर मजिस्ट्रेट की निगरानी में केंद्रों तक पहुंचाया जाना है। ऐसे में सवाल है कि 12 से 15 घंटा पहले नकल माफिया के हाथ पेपर कैसे लग गया।