टीईटी का पर्चा लीक,परीक्षा रद्द

 परीक्षा में सेंध:एसटीएफ को दी जांच, एक माह में दोबारा होगी परीक्षा,अभ्यर्थियों को नहीं देना होगा कोई शुल्क


सख्ती

बरामद हुई फोटोकॉपी का वास्तविक प्रश्नपत्र से मिलान किया गया तो उसमें वही प्रश्न थे, जो परीक्षा में आने वाले थे। इसके बाद शासन स्तर से परीक्षा टालने करने का फैसला किया गया। इस बीच, प्रश्नपत्र केंद्रों तक पहुंचे नहीं थे।

शिकंजा

पेपर लीक मामले में प्रयागराज से 18, लखनऊ से चार, शामली और अयोध्या से तीन-तीन और कौशाम्बी से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है इनके कब्जे से मोबाइल फोन और प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी बरामद हुई।


पेपर लीक का मामला सामने आने पर उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) रविवार को शुरू होने से पहले ही निरस्त कर दी गई। परीक्षा अब एक माह के अंदर कराई जाएगी। मामले में प्रयागराज और लखनऊ समेत विभिन्न जिलों से अब तक 29 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई है। परीक्षार्थियों को प्रवेश पत्र दिखाकर बसों से मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई है। अभ्यर्थियों को दिक्कत न हो, इसके लिए सभी जिला प्रशासन को निर्देश जारी कर दिया गया है।

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने रविवार को लोक भवन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि प्रश्नपत्र केंद्रों तक पहुंचने से पहले ही परीक्षा निरस्त करने का फैसला कर लिया गया। एसटीएफ ने शनिवार रात से 29 लोगों को गिरफ्तार किया है।

सभी की भूमिका की जांच करेगी एसटीएफ

एडीजी कानून-व्यवस्था ने बताया कि पेपर लीक मामले में परीक्षा कराने वाली एजेंसी, परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज के कार्यालय और जिलों की ट्रेजरी की भूमिका की सघन जांच कराई जा रही है। दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। परीक्षा से पहले ही प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा और डीजीपी के स्तर से बैठक कर परीक्षा की शुचिता और पवित्रता बनाए रखने के लिए जरूरी तैयारियों की समीक्षा की गई थी। परीक्षा में सेंध लगाने की फिराक में लगे गैंग एसटीएफ के निशाने पर थे। 

शनिवार को ही आउट हो गया था पेपर



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