सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया में एक उम्मीदवार को किसी भी चरण में शिकायत के निवारण के लिए अदालत जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती, भले ही शिकायत वास्तविक क्यों न हो। कोर्ट ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया बंद होगी ही, क्योंकि यह अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकती।
शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति की अपील की सुनवाई के दौरान की, जिसने 1999 में उप सहायक अभियंता के पद के लिए आवेदन किया था। अपीलकर्ता ने मेडिकल फिटनेस जांच पास कर लिया था, लेकिन उसकी नियुक्ति नहीं हो सकी थी, क्योंकि पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नहीं आई थी। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसने सात साल तक नियुक्ति पत्र का इंतजार किया। उसके बाद ही राज्य प्रशासनिक न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया था। वहां से राहत न मिलने पर कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन वहां याचिका खारिज कर दी गई थी कि क्योंकि याचिकाकर्ता बांग्लादेशी नागरिक है। शीर्ष अदालत ने कहा कि यह महत्वपूर्ण तथ्य है कि विज्ञापन 1999 में निकाला गया था और अब 2022 है। इतना लंबा समय खुद ही अपीलकर्ता को राहत के लिए एक बाधा है।