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मीना मंच (MEENA Manch) का इतिहास:
- अफ्रीकन देशों में मीना का नाम सारा रखा गया है।
- मीना मंच का कार्यक्रम सर्वप्रथम (24 सितम्बर 1994) युनीसेफ द्वारा बांग्लादेश में संचालित किया गया।
- भारत में सर्वप्रथम बिहार राज्य से यह कार्यक्रम संचालित हुआ।
- यह कार्यक्रम सन् 2005-06 से उत्तर प्रदेश में संचालित हुआ
- मीना का जन्मोत्सव 24 सितम्बर को मनाया जाता है।
- अनपढ़ समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाने के लिए मीना का जन्म हुआ।
मीना मंच (MEENA Manch) कक्ष का निर्धारण:
मीना मंच क्या है (What is Meena Manch)
मीना मंच का उद्देश्य
- समस्त बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ना।
- बालिकाओं में अभिव्यक्ति क्षमता विकसित करना।
- नेतृत्व क्षमता का विकास करना।
- बालिकाओं के जीवन कौशलों का विकास करना।
- महिला एवं बाल अधिकारी की जानकारी देना।
- जीवन संरक्षा एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्रदान करना।
मीना मंच का लक्ष्य:
- यह सुनिश्चित करने में मदद करना कि लड़कियाँ सही आयु में स्कूल में दाखिला लें।
- यह सुनिश्चित करने में मदद करना कि लड़कियाँ प्रतिदिन स्कूल आएँ।
- यह सुनिश्चित करने में मदद करना कि लड़कियों प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करे।
- शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर जागरुकता पैदा करना और सामुदायिक स्तर पर कार्यवाही को प्रेरित करना बाद में स्वास्थ्य और पोषण, पानी और स्वच्छता जैसे मुद्दों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। बालिकाओं में नेतृत्व और सहयोग की भावना विकसित करना।
मीना मंच का गठन:
मीना मंच में पावर ऍजिल की भूमिका:
मीना का परिचय:
मीना केबिनेट का गठन:
- कक्षा 3, 4, 5 से दो-दो कुशाग्र बुद्धि वाली श्रेष्ठ बालिकाएँ सम्मिलित की जाएँ।
- इन बालिकाओं में से ही एक बालिका अध्यक्ष बनाई जाएगी।
- मीना कैबिनेट मंच की प्रत्येक बैठक में प्रतिभाग करेंगी।
मीना मंच कार्यकारिणी एवं उसके कार्य:
- मीना कार्यकारिणी में कुल पाँच बालिकाएँ शामिल होंगी, जिनमें से अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, सक्रिय सदस्य तथा एक प्रेरक सदस्य बनाई जाएगी।
- कार्यकारिणी में विद्यालय में नामांकित बालिकाएँ ही शामिल की जाएँगी।
- बैठक की कार्यवाही / रिपोर्ट लिखने का कार्य सचिव का होगा।
- खुली बैठक की कार्यवाही लेखन हेतु अलग से रजिस्टर बनाया जाएगा।
मीना मंच के कार्य:
- बच्चों की उपस्थिति का चार्ट बनाना।
- नियमित विद्यालय न आने वाले बच्चों की सूची बनाना एवं उनके अभिभावकों से सम्पर्क करना। विद्यालय न जाने वाले बच्चों से सम्पर्क करना।
- मीना की कहानियाँ को पढ़ना एवं चर्चा करना।
- मीना अखबार का निर्माण
- कहानी / कविता का लेखन करवाना और स्कूल में प्रदर्शित करना।
- साथियों की सहायता से विद्यालय की साज-सज्जा करना।
- टोली बनाकर मीना की कहानियों को समुदाय में जाकर सुनाना एवं समुदाय से वार्ता करना
- मीना मेले का आयोजन करना।
- विद्यालय स्तर के समस्त आयोजनों का प्रबन्धन करना।
- मीना की कहानी पर आधारित रोल प्ले तैयार करना एवं
- प्रस्तुतीकरण करना
- मोहल्ला बैठक आयोजित करना।
मीना मंच उप समितियाँ एवं उनके कार्य:
बैठकों का आयोजन:
शनिवारीय कार्यक्रम:
- मीना का जन्मोत्सव मनाना।
- अभिभावकों से सम्पर्क करना।
- मोहल्ला / मजरेवार गांव में बैठक आयोजित करना।
- माँ दादी नानी दिवस मनाना यह कभी भी मनाया जा सकता है और वर्ष में कई बार भी मनाया जा सकता है।
- व्यावसायिक शिक्षा या कार्यानुभव के विषयों की जानकारी देना।
- विषय से सम्बनियत टी०एल०एम० को निर्माण करवाना।
- संज्ञान पक्ष की जांच करना (उदा० किसी विषय वस्तु की परीक्षा लेना)
- संज्ञानेतर पक्ष की जांच करना। (बालिकाओं की विशिष्ट योग्यता को उभारना) आवश्यक सेवाओं के बारे में जानकारी देना।
- सामुदायिक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा, बैंकिंग सेवा, पोस्ट आफिस सेवा, पुलिस प्रशासन सेवा, फायर ब्रिगेड सेवा, सामान्य प्रशासन या नगर पालिका के कार्यों की जानकरी प्रदान करना।
- जीवन रक्षा एवं बालिकाओं की स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी देना।
- सामाजिक कुप्रथाओं जैसे बाल-विवाह, दहेज प्रथा पर चर्चा करना।
- अन्धविश्वासों की जड़ों को काटना एवं उससे उत्पन्न भय को दूर करने का प्रयास करना। महिला एवं बाल अधिकारों की जानकारी प्रदान करना।
- मीना की कहानियों का पठन-पाठन तथा उन पर आधारित नाटक मुखीदों के द्वारा करवाना।
- कहानी पढ़कर क्या शिक्षा प्राप्त होती है, इस पर चर्चा करवाना।
- कभी-कभी गाँव में नुक्कड़ नाटक का आयोजन करना ।
- खेल प्रतियोगिताएँ करवाना।
वार्षिक कार्यक्रम:
- प्रत्येक सत्र में दो बार आम सभा होगी।
- पहली बार अगस्त माह में तथा दूसरी बार जनवरी में होगी।
आम सभा के बिन्दु:
- किसी मुख्य अतिथि को बुलाना होगा।
- मुख्य अतिथि बालिकाओं के लिए प्रेरणदायी हो।
- मुख्य अतिथि आवश्यक नहीं कि किसी ऊँचे पद का व्यक्ति हो, वह गाँव का सामान्य व्यक्ति भी हो सकता है।
- वार्षिक एवं मासिक अभिभावकों को भी बुलाया जायेगा।
- बालिका शिक्षा के प्रचार व प्रसार सम्बन्धी कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे।
- बालिकाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाएं जायेंगे।
मीना मेला की तैयारी:
- N.P.R.C. स्तर पर मीना मेला संकुल प्रभारी द्वारा आयोजित करवाया जाता है।
- उस N.P.R.C. के समस्त विद्यालय इसमें प्रतिभाग करते हैं।
- मीना मेला के लिए सर्वप्रथम तिथि तय की जाती है। फिर स्थल का चयन किया जाता है।
- मेले में होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा बनायी जाती है।
- मीना मेला में प्रचार-प्रसार के लिए रैली निकाली जाती है।
- निर्धारित तिथि से 15 दिन पूर्व प्रत्येक मजरे में रैली निकालना आवश्यक है।
- इन दिनों नुक्कड़ नाटक करवाए जायेंगे एवं अभिभावकों से प्रतिक्रियाएं भी ली जायेगी।
- मेले की तिथि से एक सप्ताह पूर्व मीना मंच की बालिकाओं द्वारा नुक्कल नाटक का प्रदर्शन करवाना है।
मीना मेले का आयोजन
- प्रेरणादायी अतिधि की उपस्थिति आवश्यक है।
- हस्त निर्मित वस्तुओं के स्टॉल लगवाने है।
- बैंकिंग व्यवस्था का स्टॉल जिसके अन्तर्गत उससे सम्बन्धित रिहर्सल होगी।
- पोस्ट आफिस का स्टॉल (डाकखाने की समस्त जानाकारी)
- पुलिस स्टेशन का स्टॉल (पुलिस विभाग की समस्त जानकारी)
- सामान्य प्रशासन का स्टॉल (समस्त स्टॉल पहली वरीयता)
- फायर ब्रिगेड का स्टॉल
- प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधायें
- विज्ञान, कला, हस्त शिला आदि की प्रदर्शनी।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम (तीसरी वरीयता)
- खेलकूद प्रतियोगिताएँ।
- मीना की कहानियों की मुखीटों द्वारा नाट्य प्रस्तुति
- भाषण प्रतियोगिता बालोपयोगी फिल्मों व मीना की कहानियों का प्रदर्शन।
- पपेट, कठपुतली शो भी करवाया जा सकता है।
- मीना मेले की फोटोग्राफी
- पुरस्कार वितरण।
- नागरिकों के मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों की जानकारी।
मीना की कहानियों के नाम:
- मुर्गियों की गिनती
- आम का बँटवारा
- क्या मीना को स्कूल छोड़ना पड़ेगा?
- बेटियों की देखरेख
- जीवन रक्षा
- धौसिये से कौन डरता है ?
- दहेज न लेना, न देना
- मीना की तीन इच्छाएँ
- छोटी सी दुल्हन
- मुझे स्कूल अच्छा लगता है
- लड़का ही होगा
- एक लड़की की कहानी
- हर बच्चा पहलवान
- बादल औ बत्तख
- रानी के टीके
- अंधेरे में देखना
- अब और कीड़े नहीं
- हाथ की सफाई
- मीना और उसका दोस्त
- हम स्कूल चलें संग
- मीना और क्रिकेट
- हमें किताबें पसन्द हैं
- मीना शहर में
- बदल गया है जीवन