अल्पसंख्यक स्कूलों में 30 फीसदी पद रिक्त

 2017 के बाद नहीं हुई शिक्षक भर्ती, शिक्षा निदेशालय ने भेजी रिपोर्ट, अल्पसंख्यक स्कूलों में 30 फीसदी पद रिक्त

प्रयागराज। प्रदेश सरकार से सहायता प्राप्त (एडेड) अल्पसंख्यक विद्यालयों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के 30 प्रतिशत पद खाली हैं। मुस्लिम, ईसाई, जैन, बंगाली आदि अल्पसंख्यक समाज की ओर से प्रदेश में संचालित 300 से अधिक एडेड हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य व शिक्षकों के कुल 7795 पद स्वीकृत हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 5483 पदों पर प्रधानाचार्य व शिक्षक कार्यरत हैं जबकि 2312 (29.66 या 30 प्रतिशत) पद खाली हैं।


2017 में प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद इन संस्थाओं में भर्ती पर रोक लगा दी गई थी। उसके बाद से भर्ती न होने के कारण स्थितियां बिगड़ती जा रही हैं। सरकार ने इन कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति लिए गाइडलाइन तय की थी। शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा के लिए शासन स्तर पर पिछले साल अगस्त में एजेंसी चयन की प्रक्रिया चल रही थी। जिसके आधार पर मेरिट में शीर्ष पांच अभ्यर्थियों का पैनल बनाने के बाद चयनित अभ्यर्थियों में से ही अल्पसंख्यक संस्थाओं को नियुक्ति देनी थी लेकिन आठ महीने से अधिक बीतने के बावजूद कुछ नहीं हुआ।


2017 से पहले इन कॉलेजों के प्रबंधक माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों से अनुमति लेकर अपने स्तर से सीधे शिक्षकों की नियुक्ति करते थे। अल्पसंख्यक संस्था होने के कारण शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्योरा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को नहीं भेजा जाता।


आंकड़ों पर एक नजर


पदनाम              स्वीकृत            कार्यरत            रिक्त

प्रधानाचार्य           222               110                 111

प्रधानाध्यापक      119                57                   62

प्रवक्ता                1849             1406                443

सहायक अध्यापक 5605          3910                1681



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