इन 5 कारणों से धड़ाम हुआ शेयर बाजार, अब आगे क्या होगा? निवेशक जान लें तो बेहतर

 भारतीय शेयर बाजारों मे यानी 30 सितंबर को जोरदार गिरावट देखी जा रही है. बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में करीब 1,000 अंक या 1.2% गिरकर 84,530 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 273 अंक टूटकर 25,905 पर आ गया था. इसी के चलते बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप पहले घंटे में ही करीब 2 लाख करोड़ रुपये घटकर 475.78 लाख करोड़ रुपये रह गया. दोपहर बाद 2:10 बजे बीएसई सेंसेक्‍स 1.25 फीसदी या 1073.34 अं‍कों की गिरावट के साथ 84,498.51 पर कारोबार कर रहा था. इसी तरह निफ्टी 50 भी 1.24 फीसदी की गिरावट के साथ 25,855.10 अंकों पर कारोबार कर रहा था.


आज बैंकिंग, ऑटो और एनर्जी शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई. एनएसई पर आज हीरोमोटो कॉर्प, ट्रेंट, एक्सिस बैंक, बजाज ऑटो, आईसीआईसीआई बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में ज्‍यादा गिरावट आई है. बाजार में आए आज आए इस गिरावट के भूचाल के पीछे कई कारण हैं, जिनमें विदेशी निवेशकों के साथ रिटेल निवेशकों की बड़ी बिकवाली और मध्‍य-पूर्व में बढ़ रहा है तनाव प्रमुख है.


विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली ने बाजार पर भारी दबाव बनाया. शुक्रवार, 27 सितंबर को FIIs ने 1,209 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे और आज की बिकवाली उससे भी अधिक होने का अनुमान है. मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार के अनुसार, चाइनीज शेयरों के बेहतर प्रदर्शन के चलते यह बिकवाली हो रही है. हैंग सेंग इंडेक्स में सितंबर में लगभग 18% की तेजी आई है.

खुदरा निवेशक बने नेट सेलर
खुदरा निवेशकों (Retail Investors) ने सितंबर में भारतीय शेयर बाजार में 7,500 करोड़ रुपये के शेयर बेचकर छह महीनों में पहली बार शुद्ध विक्रेता (Net Seller) बन गए हैं. मार्च 2024 के बाद सबसे बड़ी बिकवाली है. छोटे निवेशकों के मुनाफावसूली करने से भी शेयर बाजार में जोरदार गिरावट आई है.

मिडिल ईस्ट में बढ़ता तनाव
मिडिल ईस्ट में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की हत्या और ईरान के एक सीनियर कमांडर की मौत के बाद तनाव चरम पर है. ऐसे में निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि मिडिल ईस्ट के तनाव के चलते भारतीय बाजार में केवल अल्पकालिक गिरावट देखी जाएगी.

कमजोर वैश्विक संकेत
एशियाई बाजारों में कमजोरी के चलते भारतीय शेयर बाजार भी दबाव में आ गए. जापान के निक्केई-225 इंडेक्स में 5% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई. कोरियाई बाजार भी कमजोर ट्रेडिंग कर रहे थे. इसके अलावा, अमेरिका के नैस्डैक और S&P 500 इंडेक्स में भी गिरावट आई.


उच्‍च वैल्यूएशन
मार्केट एनालिस्ट्स कुछ समय से बाजार के ऊंचे वैल्यूएशन को लेकर चिंता जता रहे हैं, जिससे नए निवेशक सतर्क हो गए हैं. कई सेगमेंट्स में मुनाफावसूली हो रही है. फंड मैनेजर संदीप अग्रवाल का मानना है कि भारत की ग्रोथ क्षमता के चलते जल्द ही विदेशी निवेशकों का ध्यान फिर से भारतीय बाजार पर जाएगा. हालांकि बाजार महंगा लग रहा है, लेकिन फंडामेंटल्स के आधार पर यह मजबूत पोजिशन में है.

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